Ram Mandir inauguration: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि-विधान से रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को संपन्न किया । रामलला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को संपन्न होते ही रामलला आज अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान हो चुके हैं ।
राम मंदिर के इस भव्य उद्घाटन को पूरे देशभर में त्योहार की तरह मनाया जा रहा है ऐसा लग रहा जैसे दिवाली हो. भारत की मीडिया की तरह ही यूएई, रूस, ब्रिटेन जैसे अनेक देशों की मीडिया की नजर भी इस पर कुछ दिनों से बनी हुई थी.
संयुक्त अरब अमीरात के अखबार ने Ram Mandir inauguration पर क्या कहा ,जानिए ?
यूएई के अखबार गल्फ न्यूज ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी का अयोध्या के हिंदू मंदिर का उद्घाटन करना भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
अखबार ने एजेंसियों के हवाले से लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी के दशकों पुराने वादे को निभाने के लिए तैयार हैं. मोदी का हिंदू राष्ट्रवाद वोटर्स के बीच उनकी लोकप्रियता का सबसे अहम तत्व है, उनके वोटर्स उनकी एकछत्र लोकप्रियता और उन्होंने भारत को जिस मुकाम पर पहुंचाया है, उसके कायल हैं. देश का आर्थिक विकास दर 7% से ज्यादा है और इसका स्टॉक मार्केट रिकॉर्ड कायम कर रहा है ।
अमेरिका की मीडिया ने Ram Mandir inauguration पर क्या कहा जानिए ?
अमेरिका के ब्रॉडकास्टर एनबीसी न्यूज ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में धार्मिक तनाव का प्रतीक बन गया है. अयोध्या में बन रहा मंदिर राम का मंदिर है । राम प्रमुख हिंदू देवता हैं. यह मंदिर 30 लाख आबादी वाले शहर अयोध्या की कायापलट कर उसे एक पर्यटक स्थल बनाने में अहम भूमिका बनाएगा.
एबीसी न्यूज ने लिखा कि बीजेपी दशकों से मंदिर बनाने की वकालत करती रही है और इसका उद्घाटन हिंदू बहुल भारत में मोदी की जीत के पक्ष में जाएगा।एक अमेरिकी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि मंदिर दर्शन के लिए हर दिन करीब 2 लाख भक्त जा सकेंगे । साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की तरह ही मॉरीशस जहाँ की आधी आबादी हिंदू हैं, वहां हिंदू सरकारी कर्मचारियों को दो घंटे की छुट्टी दी गई है ताकि वो प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान को देख सकें.
ब्रिटेन की मीडिया मे Ram Mandir inauguration पर क्या छपा,देखिये ?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर उद्घाटन को ऐतिहासिक क्षण बताते हुए भारतीयों से आग्रह किया है कि वो सोमवार को अपने घरों और पास के मंदिरों में दीये जलाकर दीवाली मनाएं.. रॉयटर्स ने लिखा कि राम मंदिर के उद्घाटन समारोह ने भारत में राजनीतिक विवाद भी पैदा कर दिया है क्योंकि भारत के सभी बड़े विपक्षी दलों जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, ने उद्घाटन समारोह में शामिल होने का न्योता अस्वीकार कर दिया. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि उद्घाटन समारोह को राजनीतिक, बना दिया गया है..
ब्रिटेन के ब्रॉडकास्टर बीबीसी वर्ल्ड ने लिखा है कि मंदिर 16वीं शताब्दी में बनी एक मस्जिद की जगह लेगा । जिसे हिंदुओं की एक भीड़ ने साल 1992 में तोड़ दिया था मस्जिद के विध्वंश के बाद देशभर में दंगे भड़क गए थे जिसमें करीब 2,000 लोग मारे गए थे. मंदिर के उद्घाटन में भारत के टॉप फिल्म स्टार्स, उद्योगपति, क्रिकेटर हिस्सा ले रहे हैं लेकिन अधिकतर विपक्षी पार्टियों ने इससे दूरी बनाई है.
रूस की सरकारी मीडिया में Ram Mandir inauguration पर क्या छपा,देखिये ?
रूस के अखबार रशिया टुडे ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि अयोध्या में राम मंदिर के बनने से शहर की कायापलट हो गई है.अयोध्या जिसे हिंदू भगवान का जन्मस्थान माना जाता है । यहां अब बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर का काम आगे बढ़ रहा है और जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं । एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने नए होटल बनाने के लिए एक दर्जन से अधिक परमिट जारी किए हैं, और इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 4 अरब डॉलर पहले ही खर्च किए जा चुके हैं. रूसी अखबार ने लिखा कि मंदिर निर्माण प्रधानमंत्री के 2019 के चुनावी वादों में से एक था. मंदिर का उद्घाटन आम चुनावों से कुछ महीने पहले किया गया है.
Ram Mandir inauguration पर नेपाल के अखबार ने क्या कहा?
नेपाल के प्रमुख अखबार ‘द काठमांडू पोस्ट’ ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा कि मंदिर के उद्घाटन में भगवान राम से भी अधिक जो व्यक्ति लाइमलाइट बटोर रहा है, वो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जो भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के प्रधानमंत्री हैं.
अखबार ने आरोप लगाया है कि भारत धर्मनिरपेक्षता के अपने सिद्धांत से बहुत दूर हो चुका है और अयोध्या में भारत की धर्मनिरपेक्षता मिट्टी में मिल गई है.
कतर के टीवी नेटवर्क अलजजीरा ने Ram Mandir inauguration पर क्या कहा?
कतर स्थित टीवी नेटवर्क अलजजीरा ने एक ऑपिनियन लेख में लिखा है कि ‘भारत की धर्मनिरपेक्षता भगवा राजनीति के पहाड़ तले दब गई है. एक लिखे लेख में कहा गया है कि धर्मनिरपेक्ष भारत के किसी प्रधानमंत्री का मंदिर का उद्घाटन करना अनुचित है।
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